जयपुर. सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में लगातार माॅनीटरिंग कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार काे फिर अफसराें की बैठक ली अाैर सख्त रुख अपनाया। उन्हाेंने कहा कि कृषि-पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, वन मंत्री सुखराम विश्नोई क्षेत्र में लगातार विजिट करें और रिपोर्ट दें। पशुपालन, वन विभाग, कलेक्टर, एसडीआरएफ आदि की ज्वाइंट टीमें बनाकर रेस्क्यू काम में तेजी लाई जाए।
उन्हाेंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंगलवार को भी उन्हाेंने सभी विभागों के अलावा कलेक्टर की वीडियो कांफ्रेंस कर मामले में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री की माॅनीटरिंग का असर ही रहा कि बुधवार को पक्षियों की मौतों में कमी आई। 441 पक्षी ही मृत मिले।
ये हैं दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदियां
देश | प्रभावित पक्षी |
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लेक मल्हर, ओरेगॉन | 1 लाख |
टुलिरा बेसिन, कैलीफोर्निया | 2.50 लाख |
वेस्टर्न यूनाइटेड स्टेट | 40 लाख |
मनीटोबा, कनाडा | 1.17 लाख |
सशकच्चवान, कनाडा | 10 लाख |
ग्रेट साल्ट लेक, यूटाह | 5.14 लाख |
माना जा रहा है कि सांभर में बोटूलिज्म नामक बीमारी पक्षी त्रासदी का कारण है। इसी बीमारी से विदेशों में भी पक्षी मारे गए। ये आंकड़े अलग-अलग साल के हैं।
वेटलैंड अथॉरिटी को सक्रिय करने, घटनाओं के अध्ययन के निर्देश
सीएम ने सांभर झील के वेटलैंड्स के संरक्षण-संवर्धन कार्यों के लिए राज्य स्तरीय वेटलैंड अथॉरिटी को जल्द क्रियाशील करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि इस अथॉरिटी में शामिल होने वाले विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सहायता से सांभर जैसी वेटलैंड्स के संरक्षण में मदद मिलेगी।